आषाढ़ अमावस्या 2024 में कब है , आषाढ़ अमावस्या , 5 या ६ जुलाई ? जाने सही मुहूर्त , उपाय से बढ़ेगा धन , सुख - समृद्धि ( 369 )
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आषाढ़ अमावस्या 2024 में कब है , आषाढ़ अमावस्या , 5 या ६ जुलाई ? जाने सही मुहूर्त , उपाय से बढ़ेगा धन , सुख - समृद्धि
आषाढ़ अमावस्या के दिन स्नान , पितरो के लिए तर्पण , दान आदि करने का महत्व है , हर माह में एक अमावस्या आती है , जो कृष्ण पक्ष की 15 वीं तिथि को होती है , ऐसे में आषाढ़ अमावस्या आषाढ़ माह में कृष्ण की अमावस्या तिथी को होगी। इस साल आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को है या फिर 6 जुलाई को है। श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग़ध्यक्ष डॉ मृत्युंजय तिवारी से जानते है आषाढ़ अमावश्या की सही तारीख के बारे में।
आषाढ़ अमावश्या 2024 में सही तारीख
आषाढ़ अमावश्या की सही तारीख को जानने के लिए उस तिथि के प्रारम्भ और समापन के समय को जानना होगा। साथ ही यह देखना होगा की आषाढ़ अमावश्या की तिथि में सूर्योदय किस तारीख को है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार , आषाढ़ अमावस्या की तिथी का प्रारम्भ 5 जुलाई को 04 :57 AM से होगा और उस दिन सूर्योदय 05:29 AM पर होगा। इस तिथि का समापन 6 जुलाई को 04 :26 AM पर होगा और उस दिन सूर्योदय 05 :29 AM पर होगा।
अब देखा जाये तो 5 जुलाई को सूर्योदय के समय आषाढ़ अमावस्या की तिथि होगी , जबकि 6 जुलाई को अमावस्या तिथि सूर्योदय से पूर्व ही ख़त्म हो जायेगी। ऐसे में आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई शुक्रवार को होगी। यही इसकी सही तारीख है।
आद्रर्य नक्षत्र और ध्रुव योग में है आषाढ़ अमावश्या
इस बार की आषाढ़ अमावश्या तिथि में ध्रुव योग और आद्रर्य नक्षात्र में है। उस दिन ध्रुव योग प्रातः काल से लेकर 6 जुलाई को 03 :49 AM तक है , वही आद्रर्य नक्षत्र प्रातः कल से लकर 6 जुलाई को 04 :26 AM तक है।
आषाढ़ अमावश्या तिथि में 20 मिनट का सर्वार्थ सिद्धि योग
आषाढ़ की अमावश्या तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है , लेकिन यह 6 जुलाई को बनेगा। यह 6 जुलाई को 04:06 AM से 05 :29 AM तक है। अमावश्या तिथि 6 जुलाई को 04 :26 AM तक है। ऐसे में यह योग २० मिनट का है। सर्वार्थ सिद्धि योग एक शुभ योग है , जिसमे किये गए कार्य सफल होते है।
आषाढ़ अमावस्या के उपाय
1. आषाढ़ अमावस्या के दिन आप पवित्र नदियों में से किसी एक में स्नान करे। उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार अन्न , वस्त्र फल और एक पात्र का दान जरूर करे , इससे आपको पुण्य लाभ होगा। आपके सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होगी।
2. आषाढ़ अमावस्या के अवसर पर प्रातः कल में स्नान के करने के बाद पितरो को स्मरण करे , कुशा के पोरों से
उनको जल , काळा टिल , सफ़ेद फूल आदि से तरपान देने से पितर तृप्त होकर आशीर्वाद देते है। इससे धन दौलत , सुख समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
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